हरियाणा के इस ज़िले में बना है सबसे अनोखा बैंक, जहां लोग पैसे नही बल्कि ये चीज़ करवाते है जमा

Haryana News:- डीएवी पुलिस लाइन स्कूल की प्रधानाचार्य मोनिका बताती हैं कि सिर्फ हर बच्चा नहीं, बल्कि स्कूल का पूरा स्टाफ हर दिन घर से दो रोटी लेकर आता है। इसे स्कूल में रखने के लिए एक बॉक्स में रखा जाता है। स्कूल में लगभग 850 बच्चे हैं।आपने पैसे वाला बैंक सुना होगा, लेकिन आज हम आपको रोटी जमा करने वाले बैंक के बारे में बताने जा रहे हैं। जरूरतमंद लोगों को भोजन देना इस चलते फिरते रोटी बैंक का लक्ष्य है। हरियाणा पुलिस के कर्मचारी इस बैंक को चलाते हैं। डीएवी पुलिस लाइन स्कूल के छात्र हर सुबह घर से दो रोटी और अपना लंच बॉक्स लेकर आते हैं। विद्यालय के रोटी बैंक में उन दो रोटियों को एक बॉक्स में डाल देते हैं। और पुलिस लाइन में कुछ रोटी और सब्जी चावल बनाए जाते हैं। बाद में पुलिसकर्मी इसे एक ऑटो में रखकर आवश्यक लोगों तक पहुंचाते।
छात्रों को दूसरों की मदद करने की सीख
डीएवी स्कूल की छात्रा आशिमा हर दिन दो रोटी लेकर आती है। उनका कहना था कि उनके शिक्षकों ने उन्हें यह सब बताया था। उन्हें और उनके परिवार को इससे बहुत खुशी मिलती है। वह बताती हैं कि बचपन से ही उन्हें दूसरों की सहायता करने का पाठ सिखाया गया है, क्योंकि वे विद्यालय में रोटी जरूरतमंद लोगों को हर दिन देते हैं।
जरूरतमंदों की मदद करना अच्छा लगता है
डीएवी स्कूल में सुनीता का बेटा पुलिस लाइन में पढ़ता है। छात्र की माता सुनीता ने कहा कि वे यह काम करके बहुत खुश हैं। दो अतिरिक्त चपाती बनाने में पांच मिनट से भी कम समय लगता है। लेकिन इससे गरीबों को मदद मिलती है। यह भी बच्चों को दूसरों की मदद करने की प्रेरणा देता है, जो बहुत अच्छा है।
रोटी बैंक ने गरीबों को सहारा दिया
रोटी बैंक ने गरीबों को सहारा दिया है। प्रतिदिन संस्था 300 से अधिक लोगों को मुफ्त भोजन देती है। यह संस्था लोगों के घर भोजन पहुंचा रही है, जो इसमें खास है। वहीं, संस्था ने दो परिवारों को नौकरी भी दी है।
इससे रोटी बैंक का जन्म हुआ
पुलिस कर्मचारी अशोक वर्मा ने बताया कि एक पुलिस ऑफिसर श्री श्रीकांत जाधव ने 2017 में मधुबन करनाल से रोटी बैंक की शुरुआत की थी। उसने बताया कि श्रीकांत जाधव एक बार घर से चालिस पैकेट खाना लेकर गरीबों को बांटने निकले थे। लेकिन चालिस पैकेट खाना बांटने के बाद, जब वे वापस कार में बैठने लगे, बच्चों ने रोटी मांगने लगे। यह देखकर वे दुखी हो गए और रोटी बैंक शुरू करने का निर्णय लिया। उसने बताया कि 2018 में कुरुक्षेत्र में भी रोटी बैंक शुरू किया गया था।