शादी के बाद पति और ससुर की प्रॉपर्टी में बहु को कित्ना मिलता है हक़, जाने क्या कहता है देश का क़ानून
महिलाओं को पिता की संपत्ति पर पुरुषों के समान अधिकार दिया गया है। हालांकि, देश में ज्यादातर महिलाएं पिता की संपत्ति में अपना हिस्सा नहीं लेती हैं।

महिलाओं को पिता की संपत्ति पर पुरुषों के समान अधिकार दिया गया है। हालांकि, देश में ज्यादातर महिलाएं पिता की संपत्ति में अपना हिस्सा नहीं लेती हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं को अपने पति और ससुराल वालों की संपत्ति में कितना अधिकार होता है? आमतौर पर माना जाता है कि पति की संपत्ति पर पत्नी का पूरा अधिकार होता है, जबकि यह बात पूरी तरह सही नहीं है।
शादी के बाद महिलाएं अपने माता-पिता का घर छोड़कर अपने पति के घर में रहने लगती हैं। ऐसे में यह उनका भी घर बन जाता है, लेकिन इससे उन्हें पति की संपत्ति पर अधिकार नहीं मिलता है।
पत्नी का कितना अधिकार पति की संपत्ति पर?
ज्यादातर लोगों का मानना है कि पति की संपत्ति पर पत्नी का पूरा अधिकार होता है, लेकिन यह बात पूरी तरह से सही नहीं है। इस संपत्ति पर पत्नी के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों का भी अधिकार है.
अगर कोई संपत्ति पति द्वारा अर्जित की गई है तो उस पर पत्नी के साथ-साथ मां और बच्चों का भी अधिकार होता है। अगर किसी व्यक्ति ने अपनी वसीयत की है तो उसकी मृत्यु के बाद संपत्ति उसके नॉमिनी को मिलती है।
वह नॉमिनी उसकी पत्नी भी हो सकती है. वहीं, अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु बिना वसीयत के होती है तो उसकी संपत्ति उसकी मां, पत्नी और बच्चों आदि में बराबर-बराबर बांट दी जाती है।
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पति संपत्ति पर पत्नी का अधिकार
यदि किसी महिला के पति की मृत्यु हो जाती है तो उसे अपने पति की पैतृक संपत्ति पर अधिकार नहीं होता है। हालाँकि, पति की मृत्यु के बाद किसी महिला को उसके ससुराल से भी बाहर नहीं निकाला जा सकता है।
जबकि ससुराल वालों को महिला को गुजारा भत्ता देना होगा। भरण-पोषण की राशि ससुराल वालों की आर्थिक स्थिति के आधार पर न्यायालय द्वारा तय की जाती है।
अगर महिला के बच्चे हैं तो उन्हें पिता के हिस्से की पूरी संपत्ति मिलती है। अगर विधवा महिला दोबारा शादी कर लेती है तो उसे मिलने वाला गुजारा भत्ता बंद हो जाएगा.
महिला का तलाक होने पर संपत्ति पर अधिकार
अगर किसी महिला का अपने पति से तलाक हो जाता है तो वह अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है। यह पति-पत्नी दोनों की आर्थिक स्थिति के आधार पर भी तय किया जाता है।
तलाक के मामलों में मासिक भरण-पोषण के अलावा एकमुश्त निपटान का विकल्प भी उपलब्ध है। अगर तलाक के बाद बच्चे मां के साथ रहते हैं तो पति को उनके लिए भी गुजारा भत्ता देना होगा। बता दें कि तलाक की स्थिति में पत्नी का अपने पति की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता है।
हालाँकि, महिला के बच्चों को अपने पिता की संपत्ति पर पूरा अधिकार होता है। वहीं, अगर पति-पत्नी की कोई ऐसी संपत्ति है जिसमें दोनों मालिक हैं तो उसका बंटवारा बराबर-बराबर किया जाएगा।