Mughal Harem: हरम में महिलाओं के साथ ऐसे खेले जाते थे खेल, बादशाह पूरी रात करते थे मजे

Mughal Harem: आज से सैकड़ों साल पहले भारत पर मुगलों की हुकूमत थी। औरों के रहने के लिए अलग से महल हुआ करते थे, उन्हें शाही हरम कहा जाता था। इस जगह को रानियां अपने खाते से चलाती हैं। इसके कुछ नियम-कायदे किये गये थे।
बुरे युद्ध और साम्राज्य में शामिल हो रहे थे। लेकिन वक्ता से मुलाकात में बादशाह ज्यादातर हरम में ही नजर आए। मुगल हरम में दावतों और आदिवासियों के दौर चलते थे। मुगल रानियां और कई बादशाह बागवानों के बहुत शौकीन थे। बगीचों को संवारने और देखभाल करने में उनकी काफी वक्ता थी।
खेले जाते थे ऐसे खेल
हरम में मुगल बादशाहों का एक पसंदीदा खेल हुआ करता था पाशबंदी। इस खेल में दो रिकॉर्ड वाले खेल में एक-दूसरे के खिलाफ जीतना हुआ था। कारखाने से बनी चट्टानों का उपयोग करके यह खेल खेला जाता था। यह अकबर को अत्यंत प्रिय था।
ये ऐसा गेम है, जिसमें आज भी शामिल हैं। हालाँकि कुछ ही जगह महिलाएँ भी शामिल हैं। महिलाएं हरम में और किस तरह के खेल खेलती थीं, इसके बारे में विस्तृत जानकारी तो नहीं है। लेकिन इतिहासकारों की किताब अकबर तो की रानी जोधाबाई को शिकार का शौक था।
मुगल हरम में कुश्ती, ताश, बाकगैमौन जैसे खेल भी खेले जाते थे। बादशाह को तीर चलाना और साँपों से खेलना भी अच्छा लगता था।
अकबर राज में थी ऐसी व्यवस्था
पहला अकबर ऐसा मुगल बादशाह था, जिसके शासनकाल में रानियों और महिलाओं के मनोरंजन के लिए अलग-अलग महल बनवाए गए थे। यहां महिलाएं नृत्य, बागवानी, कविताएं पढ़ने के उत्सव, जश्न जैसे समारोह आयोजित कर सकती हैं।
मुगल हरम में सिर्फ बादशाह ही आ जा सकते थे। मुगल शाहजांहों को भी इसके हर हिस्से तक जाने की इजाजत नहीं थी। हरम में दैनिक जीवन के हिस्सों में महिलाओं को खेल का आनंद नहीं मिलता था। लेकिन कुछ खेल ऐसे होते थे, जो खास महिलाएं मनोरंजन के लिए खेलती थीं।