यूपी में बदले ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियम, अब लाइसेंस बनवाते वक्त करवाना पड़ेगा ये ज़रूरी काम

Driving License:- अब उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना उतना आसान नहीं होगा जितना पहले था। सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब आवेदक को स्थाई लाइसेंस मिलने से पहले एक महीने की ट्रेनिंग लेनी होगी। आवेदन के साथ ड्राइविंग प्रमाणपत्र लगाना अनिवार्य है। विभाग ने ट्रेनिंग के लिए स्कूलों को खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ये भी पढ़े:-इस SUV ने Nexon से लेकर Brezza को याद दिलाई नानी, रिकॉर्डतोड बिक्री से बनी बेस्ट सेलिंग
ये आवश्यकताएं अभी तक पूरी नहीं हुई हैं
चालक को पहले अस्थाई लाइसेंस मिलता है। स्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए छह महीने के भीतर अस्थाई लाइसेंस मिलने के बाद आवेदन करना होगा। स्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए ड्राइविंग की ट्रेनिंग का प्रमाणपत्र आवश्यक नहीं था। वाहन को कार्यालय पर चलवाकर देखने के बाद ही आवेदक को लाइसेंस जारी करने की अनुमति दी गई।
ड्राइविंग स्कूल बहुत कम हैं
यहाँ ड्राइविंग स्कूलों की बहुत कमी है। इस समय सिर्फ छह स्कूल चल रहे हैं। वाहन चलाने की ट्रेनिंग लेने में विभाग में कोई ट्रेनिंग स्कूल नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग या किसी भी अन्य जिला राजमार्ग पर प्रत्यायन चालक प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाएगा। केंद्र की स्थापना स्थल पर इंटरनेट, ब्राडबैंड टेलीफोन लाइन और अन्य संचार सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
ट्रेनिंग सेंटर जल्द खोले जाएंगे
कासगंज के एआरटीओ राजेश राजपूत ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर खोले जाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदक विभाग के कार्यालय में पूरी जानकारी पा सकता है।