खुल्ले 6 रुपए के चक्कर में सरकारी नौकरी से धोना पड़ा हाथ, अदालत ने दिखाई सख्ती तो कर्मचारी की उड़ी नींदें

6 रुपये नहीं लौटाने पर नौकरी गंवाने वाले रेलवे के एक बुकिंग क्लर्क को अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। 
 
खुल्ले 6 रुपए के चक्कर में सरकारी नौकरी से धोना पड़ा हाथ

Mumbai News:- 6 रुपये नहीं लौटाने पर नौकरी गंवाने वाले रेलवे के एक बुकिंग क्लर्क को अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है।  26 साल पहले विजिलेंस की छापेमारी में पकड़े जाने के बाद क्लर्क  को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। ये है मायानगरी मुंबई दर्शन का पूरा मामला 21 जुलाई 1995 को राजेश वर्मा रेलवे में क्लर्क बने, 30 अगस्त 1993 को वर्मा मुंबई के कूलर ट्रांस टर्मिनस जंक्शन स्थित कंप्यूटर करंट बुकिंग ऑफिस में यात्री टिकट बुक कर रहे थे।

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इसी दौरान विजिलेंस की टीम रेलवे पुलिस बल का सिपाही फर्जी यात्री बनकर कलरक राजेश वर्मा के काउंटर पर पहुंचा। वह खिड़की पर गया और कुर्ला टर्मिनल से आरा से  बिहार तक का टिकट मांगा।₹500 का नोट क्लर्क वर्मा को दिया। वर्मा को ₹286 लौटाने थे लेकिन उन्होंने केव्ल 280 यानी ₹6 कम लौटाए। 

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इसके बाद विजिलेंस टीम ने बुकिंग क्लर्क वर्मा के टिकटिंग काउंटर पर छापेमारी की, लेकिन टिकट बिक्री के अनुसार उनके रेलवे केस में 58 रुपये कम मिले, वही क्लर्क की सीट के पीछे रखी स्टील की अलमारी से 450 रुपये बरामद किये गये. बिजनेस टीम के अनुसार  यह पैसे वर्मा को यात्रियों से ज्य्दा किराया लेने पर मिले थे।

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